
घटना हुआ कैसे ?
ट्रेन हादसा 13 अक्टूबर की रात को हुआ था, ट्रेन 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी. घटना बिहार के बक्शर इलाके की है.
बिहार के बक्सा हादसे के करीब 14 घंटे बाद भी उन्हें रेल ट्रक से बाहर नहीं निकाला जा सका. इस रेल हादसे के बाद उस रूट से गुजरने वाली दस ट्रेनों को रोक दिया गया और दूसरे रूटों पर डायवर्ट कर दिया गया. दिल्ली के आनंद विहार से कामाख्या जा रही यह ट्रेन रात में अचानक पलट गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए. 21 गाड़ियाँ विपरीत दिशाओं में लाइन से गिर गईं। सभी रेल पटरियाँ विस्थापित हो गई हैं और कुछ पटरियाँ पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। यहां तक कि रेलवे के पहिए भी अभी भी रेलवे ट्रैक से नहीं उठ सके हैं.
अभी तक जांच जारी है कि ट्रेन पलटने का सही कारण अब तक पता नहीं चल पाया है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है. ट्रेन सुबह 7:40 बजे दिल्ली के आनंदविहार से चली। आधी रात को ट्रेन बिहार के बक्सर स्टेशन पहुंची, तभी रात में जब ट्रेन रघुनाथपुर स्टेशन पहुंची तो अचानक ट्रेन के पीछे से झटका लगा और ट्रेन के डिब्बे अचानक पलट गए.

सरकार ने इस बारे में क्या किया ?
घटना के तुरंत बाद पुलिस और बचावकर्मी मौके पर पहुंचे और सबसे ज्यादा घायल 20 लोगों को पटना के एम्स अस्पताल भेजा गया. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि मरने वालों की संख्या और घायलों की संख्या बढ़ सकती है, अभी सटीक संख्या नहीं बताई जा सकती है, वहीं बक्सर के डीएम मंसूर अग्रवाल ने कहा कि जांच अभी भी जारी है और कोई सटीक सबूत नहीं मिला है. पुलिस टीम चौबीसों घंटे मौके पर मौजूद है और चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए है. इस बीच, रेलवे निदेशक तरु प्रकाश महाशय ने कहा कि घटना की जांच पूरी तरह से कानूनी रूप से चल रही है और रेलवे के सभी नियमों के अनुसार जांच की जा रही है. जो जवाब सामने आएगा उसे जल्द ही जनता के सामने रखा जाएगा, उन्होंने कुछ क्रेनों की व्यवस्था की है जिनकी मदद से अब ट्रेनों में बिखरे हुए डिब्बों को पूरी तरह से सड़क से हटाया जा रहा है जिसमें ज्यादातर एसी डिब्बे भी शामिल हैं जो पूरी तरह से पलट चुके हैं।
पटना के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस घटना को जल्द से जल्द ठीक करने की व्यवस्था कर रहे हैं. और जल्द ही उन लाइनों पर फिर से पहले की तरह ट्रेनें दौड़ने लगेंगी.